काव्यांतर
Friday, April 27, 2012
हम आजभी वहीँ है
जवाब बदल गए है ..
सवाल आजभी वही है |
रिश्ते बदल गए है ..
लोग आज भी वही है |
फासले आज बढ़ रहे है ..
पर हम आजभी वहीँ है |
मुड़कर कभी देखा भी होता ..
हर मोडपर निशां आज भी तुम्हे वहीँ मिलते |
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment