काव्यांतर
Wednesday, August 29, 2012
प्याला था जिंदगी
जाम इतना भी न था प्यालेमें
के हम डूब जाते उसमें |
तुने अपने हाथोंसे पिलाया .
हम खो गए उसमें |
प्याला था जिंदगी ,
और जाम थी ख़ुशी |
बस तेरे साथसे
हम जिलिये जिंदगी |
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment