हारू तुझे हर बार दिल करता है ,
क्या करे आज तकदीर पे भरोसा ज्यादा है ।
भूलू तुझे हर बार दिल करता है ,
भरोसा याददाश पे फिरसे कुछ ज्यादा है।
जाऊँ फिर कही दूर , दिल करता है ,
दूरियाँ मिटाने का भरोसा कुछ ज्यादा है।
बस येही सोचता ,कही रुलानादू तुझे ,
खुदपे भरोसा आज थोडा कम है।
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