Saturday, October 20, 2012

jajbaat

जज्बतोंको अपने आज बहादिया मैंने ,
     हर एहसास को अपने भुला दिया मैंने ।

पुछा उन्होंन, हम तो तेरे  अपने थे ,
    दूसरों के खातिर,  हमें भी रुलादिया तुमने  ।

मैं बोला , कदर नथी  इस जहाँको तुम्हारी ,
    संग रहते तोभी तुम  रुसवा  होते  ।

इक्तिज़ा आपकी हर किसीको जीने के लिए ,
    पर आज जिन्दगी भी हमसे बेवफा हो रही  ।

Friday, October 12, 2012


                    New Journey  !!!

A known to both but not much known faces.


I knew she was worried to cross road. As being on same path

I forwarded my hand and she hold it without questioning.



Dont know who was helping whom at that time to cross the road!

Or was that a begining of the New journey !!!

Saturday, October 6, 2012

हवा कुछ थमसी गयी ....

हर  एक शख्स  से पुछा हमने ..
     क्या देखा तुमने खुदा को ?

बस जवाब में फिर सवाल आया ..
   क्या देखा तुमने हवा को ?

अगर खुदा हवा है ..
    तो हवा भी आज घलीज़ है |

सांसे देनी वाली हवाभी आज ..
    दम  किसीकी घुटा रही है |

तो फिर मैंने पुछा , क्यूँ रूकती है  सांसे  
   अगर वो भी उसीने है दी ?

जवाब तो मिलना पाया दोस्तों ...
    लग रहा है , हवा कुछ थमसी गयी ....| 

Friday, October 5, 2012

तुटता मी ...




सकाळ होण्या अगोदर सर्व तारे ...
  हळूहळू  आकाशाच्या निळ्या शालीत गेले  ...

पण एक तारा  तरी एकटाच  टीवटीवत होता ..
   शाल पांघरलेल्यातल्या विचारले एकाने .

तर म्हणतो , उद्या रात्री परत झगमगुच आपण ...
   तुटता मी पूर्ण होतील इच्छा अनेक चकोरांच्या.